♂️ आचार्य प्रशांत से समझे गीता और वेदांत का गहरा अर्थ, लाइव ऑनलाइन सत्रों से जुड़ें:<br />https://acharyaprashant.org/hi/enquir...<br /><br /> आचार्य प्रशांत की पुस्तकें पढ़ना चाहते हैं?<br />फ्री डिलीवरी पाएँ: https://acharyaprashant.org/hi/books?...<br /><br />➖➖➖➖➖➖<br /><br />#acharyaprashant #kabir <br /><br />वीडियो जानकारी: 15.10.23, संत सरिता, ग्रेटर नॉएडा <br /><br />प्रसंग: <br />~ जीवन का उद्देश्य क्या है?<br />~ हम तथ्य का दमन क्यों करते है ? दुख को नज़र अंदाज़ क्यों करते है?<br />~ हमारी अंतिम संभावना क्या है?<br />~ हर परिस्थिति अवसर क्यों है?<br />~ इस संसार में मौज क्यों नहीं मारी जा सकती?<br />~ यहाँ भोग नहीं तो फिर क्या हो सकता है?<br />~ हमारी शिक्षा हमें हमारी मूल बात क्यों नहीं बताती है?<br /><br />जैसे पात गिरे तरुवर से, मिलना बहुत दुहेला। <br />ना जाने किधर गिरेगा, लगया पवन का रेला ॥ <br /><br />जब होवे उमर पूरी, तब छूटेगा हुकुम हुजूरी <br />यम के दूत बड़े मज़बूत, यम से पड़ा झमेला<br />~ संत कबीर<br /><br />ये त्वेतदभ्यसूयन्तो नानुतिष्ठन्ति मे मतम् । <br />सर्वज्ञानविमूढांस्तान्विद्धि नष्टानचेतसः ॥ <br />~ श्रीमद्भगवद्गीता-3.32<br /><br />अहंकार में, अंधकार में, अज्ञान में मतिभ्रष्ट है। <br />कल उन्हें क्या कष्ट हो, वो आज ही जब नष्ट हैं।<br />(काव्यात्मक अर्थ)<br /><br />संगीत: मिलिंद दाते<br />~~~~~